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शहीद की याद बड़ी देर से आई कैप्टन साहेब!

पाकिस्तान के बॉर्डर एक्शन टीम के हमले में शहीद हुए जवान परमजीत सिंह को श्रद्धांजली देने मुख्यमंत्री नहीं आए।

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पाकिस्तान के बॉर्डर एक्शन टीम के हमले में शहीद हुए जवान परमजीत सिंह को श्रद्धांजली देने मुख्यमंत्री नहीं आए।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सही वक्त पर अपनी चूक सुधार ली। पाकिस्तान के बॉर्डर एक्शन टीम के हमले में शहीद हुए जवान परमजीत सिंह को श्रद्धांजली देने मुख्यमंत्री नहीं आए । तरन-तारन में कैप्टन के खिलाफ गुस्सा था, मीडिया ने कैप्टन की आलोचना की। शाम होते होते कैप्टन ने अपनी भूल सुधार ली। उन्होंने फैसला किया की 7 मई को वो शहीद के परिवार से मिलने जाएंगे।

पंजाब सरकार शहीद के परिवार को 12 लाख रुपए की मदद भी करेगी। अमरिंदर सिंह खुद सेना में रहे हैं, लेकिन जब कैप्टन सरकार का एक मंत्री भी शहीद के घर नहीं आया तो शहीद का परिवार भी सन्न रह गय। शहीद के बड़े भाई रंजीत सिंह ने कहा. ‘सिर्फ इलाके का विधायक आया था वो भी अंतिम संस्कार के वक्त। मेरे भाई ने देश के लिए जान दी। कैप्टन अमरिंदर सिंह को यहां होना चाहिए था। लेकिन ना मुख्यमंत्री आए ना उनकी सरकार से कोई आया।’ जब ये खबर कैप्टन तक पहुंची तब तक देर हो चुकी थी, वो चाहकर भी तरन तारन नहीं पहुंच सकते थे। उनके आदेश पर शहीद परिवार को पांच लाख रुपए कैश में दिए जाएंगे। पांच लाख रुपए की ज़मीन भी परिवारवालों को मिलेगी। दो लाख रुपए शहीद के माता-पिता को मिलेंगे। इसके साथ ही शहीद के परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी मिलेगी और बच्चों को मुफ्त में सैनिक स्कूल में पढ़ाया जाएगा।

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